प्रदेश की राजनीति के उदीयमान धूमकेतु जीतू पटवारी

मध्यप्रदेश के शहडोल के एक शासकीय महाविद्यालय में हाल ही में एक युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी विशेष तौर पर विद्यार्थियों से रूबरू हुए। एक छात्रा ने मंत्री जी से मुख़ातिब होते हुए कहा की आपको नई दिल्ली में फेम ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है,इसे पाकर आप कैसा महसूस कर रहे है। जीतू पटवारी ने इस पर बहुत सधा हुआ जवाब देते हुए इसका श्रेय कमलनाथ सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों को दिया। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति निष्ठा बनाए रखने की सीख देते हुए कहा की अच्छे काम करते रहिए,आप समाज में अवश्य सम्मान अर्जित करेंगे। जो भी काम करे,उसे पूरे मनोयोग से कीजिये। 
दरअसल मध्यप्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में जीतू पटवारी एक बेहद साधारण परिवार से आने वाला नाम है लेकिन उन्होंने सादगी और जनमानस के प्रति निष्ठा से अपनी पहचान को असाधारण बना दिया है। उनका अंदाज बेहद सादगीपूर्ण और साधारण है,वे जनमानस के बीच जब भी होते है,उनसे संवाद करते है। पूरे इत्मिनान से सबकी समस्या को सुनते है,तुरंत संभावनाएं तलाशते है और उसके समाधान का हर संभव प्रयास करने का भरोसा दिलाते है।
आधुनिक लोकतंत्र राजनेताओं के सख्त मिज़ाज,वैभव के प्रदर्शन और जनता से शासन के नुमाइंदों की दूरी से अभिशिप्त नजर आता है। वहीं जीतू पटवारी की छवि एक सर्व सुलभ नेता की है जिनसे मिलकर जनता बेहद प्रसन्नता का अनुभव करती है। 
वे कमलनाथ सरकार में राज्य के खेल,युवा और उच्च शिक्षा मंत्री बने तो उन्होंने इसे उत्कृष्ट बनाने के लिए कई रचनात्मक परिवर्तन किए जिसके दूरगामी परिणाम बेहतरीन होने की पूर्ण संभावना है। उनके नेतृत्व में खेल विभाग नये आयाम स्थापित कर रहा है। खेल अकादमियों के 822 खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश बन गया है। प्रदेश में स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। स्वरोजगार के लिए एमपी ऑन लाईन पोर्टल कार्य कर रहा है जहां स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऑन लाईन ऋण के लिए आवेदन किया जा सकता है। बड़े शहरों में कौशल विकास केंद्र खोले जा रहे है। मॉडल कालेज, नालेज कारपोरेशन के माध्यम से कौशल विकास को गुणवत्तापूर्ण बनाया जा रहा है। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान बनाये जा रहे है जिससे उच्च शिक्षा का उत्तरोत्तर और गुणवत्तापूर्ण सुधार होने की सम्भावनाएं मजबूत हुई है। 
इस साल कमलनाथ सरकार के महत्वकांक्षी कार्यक्रम आपकी सरकार आपके द्वार की शुरुआत जीतू पटवारी के प्रभार वाले जिले देवास के सुदूरवर्ती आदिवासी  बाहुल्य इलाके बागली के एक गाँव से हुई। घनघोर बरसात में भी मंत्री जी करीब रात के दस बजे उस नियत गाँव में पहुंचे। जिले के शासकीय अमले के साथ दूर दराज के गांवों के कई लोग मंत्री जी इंतजार कर रहे थे। एक साधारण से शामियाने के नीचे वे लोगों की भीड़ से घिरे थे और उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे थे। बरसात भी हो रही थी लेकिन इससे मंत्री जी जरा भी विचलित नहीं हुए और इन सबके साथ जनता का उत्साह  में भी कोई कमी नहीं थी। 
जीतू पटवारी के प्रभार वाले जिलों में आपकी सरकार आपकी द्वार के आयोजन का अंदाज बेहद जमीनी होता है। ग्राम चौपाल  के माध्यम से वे ग्रामीणों से सीधे संवाद करते है। उनकी समस्याएं सुनकर समाधान करते है। युवा चौपाल में युवाओं से संवाद किया जा रहा है। इसी प्रकार आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के बीच बाल चौपाल लगाई जा रही है, जिनसे वे स्वयं बातचीत करते है। किसान चौपाल में किसानों से बातचीत होती है। शाम को ग्रामीणों के साथ संझा चूल्हा के माध्यम से सामूहिक भोजन किया जाता है जिससे सामाजिक एकता का भाव मजबूत हो सके। किसी भी ग्रामीण के यहां रात्रि विश्राम किया जाता है। सुबह गाँव का भ्रमण भी किया जाता है। इस दौरान सरकारी अधिकारी कर्मचारी भी साथ होते है।
जीतू पटवारी का जीवन जितना सहजता से भरा है,उतने ही वे चुस्त और मुस्तैद रहते है। सुबह से सायकिल पर उन्हें इंदौर और भोपाल की सड़कों पर आसानी से देखा जा सकता है। आम जनता को उनसे मिलने के लिए  किसी खास प्रयास की जरूरत नहीं होती। वे अपने घर,शासकीय आवास और किसी भी सार्वजनिक जगह पर आसानी से जनता से मिल लेते है।
सेवाभाव भी उनका कमाल का है। पिछलें दिनों एक अख़बार में यह खबर छपी की होशंगाबाद की एक दृष्टि बाधित और गरीब लड़की सरिता चौरे का चयन जुडो में कामनवेल्थ के लिए हुआ है और उसके गाँव के लोग पैसे जुटाकर उसे ब्रिटेन भेज रहे है। मंत्री जी ने खबर पढ़ते ही ट्विट कर सरिता को मदद देने का भरोसा दिया। खेल मंत्रालय में दृष्टि बाधित खिलाड़ियों को सहायता राशि देने के कोई स्पष्ट दिशा निर्देश न होने के बाद भी उस लड़की को उसकी मांग के अनुसार करीब सवा लाख की राशि खेल मंत्रालय ने दी और इसके उजले परिणाम हुए। सरिता चौरे ने कामनवेल्थ में जुडो का ब्रौंज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।
इस साल 15 अगस्त को उज्जैन में जब वे झंडा फहराने पहुंचे और आज़ादी महोत्सव के आयोजन में कलाकार बारिश के बीच खुले ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे थे। यह देखकर मंत्री भी मंच से उतरकर खुले ग्राउंड में कुर्सी पर बैठ गए और पानी से भीगते हुए उन्होंने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
जनता की समस्या को जानने और उनका निराकरण की प्रतिबद्धताएं उनके काम में बार बार दिखती है। होशंगाबाद जाते हुए बाबई के करीब एक एक्सीडेंट को देखकर वे रुक गए। अपनी कार से चादर निकालकर मृत महिला को तुरंत ओढाई। यही नहीं पुलिस को बुलाकर उस महिला और प्रभावित परिवार को घर तक पहुँचाने की व्यवस्था करने के बाद ही वे मंजिल की और रवाना हुए। दीपावली पर अनाथ बच्चों को 5 स्टार होटल में खाना खिलाकर त्यौहार की ख़ुशी मनाने का तरीका हो यह अपनी गाड़ी से उतरकर यातायात सम्हालने की जिम्मेदारी,जीतू पटवारी हर काम पूरी तन्मयता से करते है।
वास्तव में जीतू पटवारी अनंत संभावनाओं वाले एक ऐसे नेता है जो राज्य की राजनीति से केंद्र तक गहरा प्रभाव छोड़ते है। जनता से सीधे  जुड़ते है,उनकी समस्याएं  समझते है और उनका समाधान करने के लिए कृत संकल्पित दिखते है।